आँवले के गुण, लाभ एवं प्रयोग
आँवला आँवला भारत में सर्वत्र होता है। ऊंचाई स्थान भेद से न्यूनाधिक है। राजस्थान में 20 फीट, काठियावाड़ में 15 से 20 फीट, फल गोलाकार 6 खांच वाला होता है। विभिन्न भाषाओं में आँवले के नाम :- संस्कृत – आमलकी, धात्रीफल, अमृतफल हिन्दी – आमला, आँवला अंग्रेजी – Emblic Myrobalan लेटिन – Phyllanthus Emblica आँवले के गुण आँवला कसैला, खट्टा, मधुरविपाक युक्त्त, शीतवीर्य है। दाह, पित्त, वमन, प्रमेह, शोफ आदि का नाशक और रसायन है। आंवले में मुख्य रस अम्ल होने से वात को शीतवीर्य और मधुर होने से पित्त को तथा सक्षगुण और कसैला रस होने से कफ को दूर करता है। अर्थात आंवले का उपयोग तीनों दोषों की विकृति पर होता है। ताजे आंवले रोज खाने पर निरोगी मनुष्य की सब क्रिया सबल होकर (रसायन गुण प्राप्त होकर) निर्बलता…